नहीं रहे राई को पहाड़ करने वाले पद्मश्री राम सहाय पांडे, दुनिया में दिलाई बुंदेली लोक नृत्य राई को अलग पहचान

सागर। पद्मश्री राम सहाय पांडे का निधन हो गया है। उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। राम सहाय पांडे कुछ दिन से बीमार थे। निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने दुनियाभर में बुंदेलखंड के प्रसिद्ध राई नृत्य को अलग पहचान दिलाई थी।
 

मंगलवार को पद्मश्री राम सहाय पांडे का निधन हो गया। राम सहाय का जन्म 11 मार्च 1933 में मध्य प्रदेश के सागर में हुआ था। उनके पिता लालजू पांडे एक किसान थे और राम सहाय पांडे चार भाइयों में सबसे छोटे थे। पांडे का राई नृत्य से पहला परिचय तब हुआ जब वह 14 वर्ष के थे। इस नृत्य शैली से मोहित होकर उन्होंने इसका अभ्यास करना शुरू कर दिया। मध्य प्रदेश में, राई का लोक नृत्य बेड़िया समुदाय से जुड़ा हुआ है।


राम सहाय ने अपना पूरा जीवन राई नृत्य के अभ्यास और प्रदर्शन के लिए और नृत्य शैली को स्वीकृति और सम्मान दिलाने के लिए समर्पित कर दिया। उनकी कोशिशों से इस नृत्य शैली को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने में मदद मिली। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध राई नृत्य में योगदान के चलते भारत सरकार ने साल 2022 में राम सहाय पांडे को पद्मश्री सम्मान से पुरस्कृत किया था। उन्होंने दुनिया के कई देशों में राई नृत्य की प्रस्तुतियां दी थी।





 

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