बुंदेलखंड का 'राई नृत्य' इस क्षेत्र की लोक संस्कृति का अनमोल हिस्सा है। यह नृत्य मुख्य रूप से महिलाएँ घुँघरू पहनकर करती हैं, जो ढोलक और नगाड़े की तेज़ थाप पर लयबद्ध होकर थिरकती हैं। उनकी घूमने और झूमने की विशेष शैली इस नृत्य को आकर्षक बना देती है। प्राचीन समय में यह नृत्य युद्ध से लौटे वीर सैनिकों के सम्मान में किया जाता था, लेकिन अब यह खुशी और उत्सवों का प्रतीक बन चुका है।
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