महोबा। गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली गोरखगिरि पर्वत प्रदेश का प्रमुख पर्यटन स्थल बनेगा। यहां गुरु गोरखनाथ की 51 फीट ऊंची प्रतिमा तैयार होगी। रोप-वे का भी निर्माण कराया जाएगा। इससे महोबा में आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़ेगी। शासन के निर्देश पर कार्यदायी संस्था की ओर से गोरखगिरि पर्वत पर पर्यटन विकास का कार्य तेजी से कराया जा रहा हैं। कार्ययोजना पूरी होने के बाद गोरखगिरि पर्वत पर्यटन विभाग के मामले में मील का पत्थर साबित होगा।
गोरखगिरि पर्वत गुरू गोरखनाथ की तपोभूमि है। गुरु गोरखनाथ यहां 11-12वीं शताब्दी में तपस्या की थी। इस पहाड़ के ऊपर सिद्धबाबा का स्थान है, जहां त्रेता युग में वनवास काल के दौरान भगवान राम, माता सीता व लक्ष्मण कुछ समय के लिए यहां आए थे। गोरखगिरि पर्वत को आदर्श पर्यटन तीर्थ स्थल के तौर पर विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पर्यटन विकास को लेकर विभाग की ओर से करीब 12 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई। शासन की ओर से अब तक तीन किस्तों में करीब 6.25 करोड़ रुपये का बजट भी जारी कर दिया गया है।
गोरखगिरि पर्वत पर गुरु गोरखनाथ की 51 फीट ऊंची प्रतिमा, मंदिर, रास्ता, तलैया का सौंदरीकरण, पार्क, रोप-वे आदि का निर्माण कराया जाएगा। कार्यदायी संस्था की ओर से तेजी से काम कराया जा रहा है। शासन के उप सचिव संजीव कुमार श्रीवास्तव ने बजट की तीसरी किस्त जारी करते हुए काम में गुणवत्ता के साथ गाइड लाइन के अनुरूप कराने के निर्देश दिए हैं। उधर, पर्यटन अधिकारी डॉ. चित्रगुप्त का कहना है कि लगातार बजट मिलने से काम तेजी से चल रहा है। 51 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने का काम उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी को दिया गया है।
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