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मंदिर जहां चमगादड़ों की होती है पूजा, मिलता है वरदान, यहां लाखों चमगादड़ करते हैं हर मुराद पूरी

आप ने बहुत से देवी देवताओ के मंदिर देखे होंगे जिनमे तरह तरह के रूप में देवी देवताओ की मूर्तियाँ होती है पर क्या आप ने किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जो चमगादड़ो का मंदिर कहलाता हो, आज हम आप को ले कर चलते ऐसे ही एक मंदिर में जहाँ लाखो की संख्या में जीवित चमगादड़ निवास करते है जहाँ लोग इन चमगादड़ो की पूजा कर इनसे अपने लिए वरदान मांगते है 




चौरा देवी मंदिर, हमीरपुर (उत्तर प्रदेश)
उत्तर प्रदेश हमीरपुर जिले के चौरा देवीमंदिर में लोग चमगादड़ों की पूजा कर इनसे अपने लिए वरदान मांगते हैं। दो नदियों के बीच स्थित इस स्थान पर कभी घना जंगल हुआ करता था। उसी समय करीब 150 साल पहले कुछ चरवाहों ने एक पीपल के पेड़ के तने के पास यहां एक मूर्ति देखी इसके बाद से ही यहां के चरवाहे इसे चौरा देवी ने नाम से पुकारने लगे और पूजा करने लगे। इसी स्थान पर हज़ारों बड़े चमगादड़ भी रहते हैं।

मंदिर में माँ की आरती के समय में यह चमगादड़ उड़ने लगते हैं और मंदिर की आरती के बाद प्रसाद खा कर यह वापस पेड़ पर चले जाते हैं। यहां के लोग इसे शुभ मानते हैं। उनका मानना है कि ये माता के रक्षक हैं और कुछ इन्हें अच्छी आत्माएं भी मानते हैं जो माँ के भक्त हैं और इसीलिए ये माँ की पूजा करने के लिए आरती में शामिल होते हैं।

एक जनश्रुत्री के अनुसार हजारो वर्ष पहले इस स्थान पर चमगादड़ओ के देवता की मौत हुई थी उन्हें यही दफनाया गया था .तब से मंदिर के आस पास ही ये घूमते और मदराते है .करीब ही यमुना नदी का जल पीकर वे अक्सर मंदिर की चौखट तक आ जाते है .उसी समाधि की सुरक्षा और श्रधा के चलते चमगादड़ो ने लाखो की संख्या में यह अपना डेरा जमा लिया है .अब ये बात कितनी सही है कहा नही जा सकता पर इतना  जरुर है की सैकडो साल पुराने इस बरगद के विशाल पेड़ पर लटक रहे चमगादड़ो का इसमंदिर में विराज मान माँ चौरा देवी से  जरुर कोई रिश्ता है जिसके चलते इनकी भक्ति को  देखने को बहुत दूर दूर से श्रद्धालु आते है।

 

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