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Sagar : ऋषिकेश-बनारस नहीं अब गंगा आरती के लिए एमपी के सागर आइए, लाखा बंजारा झील किनारे हुआ भव्य शुभारंभ

Sagar News : सागर के लाखा बंजारा झील के चकराघाट पर गंगा आरती का शुभारंभ किया गया। हर सोमवार शाम 7 बजे गंगा मैया की आरती होगी। समारोह में मंत्री गोविंद राजपूत, सांसद लता वानखेड़े और हजारों सागरवासी शामिल हुए। यह नई परंपरा सागर का ऐतिहासिक धार्मिक स्थल बनाए रखने के लिए शुरू की गई।

                                                   


बनारस की विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती की तरह अब एमपी के सागर में भी गंगा आरती का शुभारंभ किया गया है। लाखा बंजारा झील के चकराघाट पर सोमवार को हजारों श्रृद्धालु भव्य गंगा आरती के साक्षी बने। अब हर सोमवार को यहां गंगा मैया की आरती होगी। बता दें कि स्मार्ट सिटी और सागर नगर निगम के सानिध्य में आरती प्रारंभ की गई है।

गंगा आरती का नाम आते ही सबसे पहले भगवान भोलेनाथ की नगरी बनारस और ऋषिकेष गंगा आरती की तस्वीर नजरों के सामने आती है, जिसमें देश—विदेश के लाखों लोग साक्षी बनते हैं। ठीक इसी तर्ज पर एमपी के सागर में ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील के घाटों पर भव्य गंगा आरती प्रारंभ की गई है। स्मार्ट सिटी कंपनी के माध्यम से सागर में झील के घाटों को भव्यता प्रदान की गई है। विधायक शैलेंद्र जैन के सुझाव के बाद यहां सोमवार से श्रीगंगा मैया की आरती का आयोजन प्रारंभ किया गया।

हर सोमवार शाम 7 बजे होगी आरती

विधायक शैलेंद्र जैन ने बताया कि लाखा बंजारा झील के किनारे चकराघाट, जहां मंदिरों की लंबी श्रृंखला है, वहां पर गंगा मंदिर के पास गंगा आरती का शुभारंभ किया गया है। यहां गंगा मैया के दो मंदिर स्थित हैं, जिसमें एक चकराघाट तो दूसरा झील के दूसरी तरफ गंगा घाट पर प्राचीन मंदिर स्थित है। सागर में अब प्रत्येक सोमवार को शाम 7 बजे से गंगा मैया की आरती की जाएगी।

हजारों श्रद्दालु बने साक्षी

उन्होंने गंगा आरती प्रारंभ करने के उदे्श्य बताते हुए कहा कि चकराघाट धार्मिक स्थल है। वहीं, सागर के विशाल तालाब से लोगों की आस्था व लगाव है। यहां के प्राचीन और आस्था के केंद्र मंदिरों के संरक्षण और साफ-सुथरा बनाने के लिए नागरिकों को जागरूक कर इनके संरक्षण और संवर्धन हेतु उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए तीर्थ स्थलों की तर्ज पर पहली बार श्री बैकुंठ धाम मंदिर परिसर में शंख झालर और जय मां गंगे के नारों के साथ आरती की शुरुआत हुई। आयोजन में हजारों श्रद्धालु साक्षी बने हैं। यहां के इतिहास में पहली बार शुरू की गई, इस नई परंपरा का लोगों ने उत्साह पूर्व स्वागत किया है।

गंगा मैया की प्रतिमा स्थापित कर विहार कराया

गंगा आरती की खास बात यह रही कि 11 पंडितों द्वारा चकराघाट पर बड़ी आरती से शुरुआत की गई। इस दौरान हजारों लोग हाथों में आरती के दीपक लेकर आरती कर रहे थे। मंदिरों के शंख झूला और डमरूदल, अखाड़े, दलदल घोडी, बरेदी नृत्य दल की आवाज से पूरा क्षेत्र गूंजायमान हो गया और मंदिरों पर की गई रंग बिरंगी रोशनी से पूरा क्षेत्र जगमग हो उठा, मानो मां गंगा स्वयं इस नई शुरुआत का स्वागत कर रही हों। आमजन में भी खुशी का माहौल देखा गया। ऐतिहासिक धरोहर और आस्था के केंद्र को सुरक्षित रखने के लिए शुरू की गई इस पहल से नागरिकों को क्षेत्र के इतिहास के बारे में जानने की लालसा दिखी।

मंत्री-सांसद से लेकर तमाम जनप्रतिनिधि रहे मौजूद

मां गंगा आरती का शुभारंभ मंत्री गोविंद राजपूत, सांसद लता वानखेड़े, विधायक शैलेंद्र जैन, निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, कलेक्टर संदीप जीआर, पुलिस अधीक्षक विवेक सहवाल, निगम आयुक्त राजकुमार खत्री सहित जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में सागरवासी मौजूद थे।

झील हमारी पहचान है, इसे स्वच्छ व सुंदर बनाए

मंत्री गोविंद राजपूत और विधायक शैलेंद्र जैन ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि चकराघाट सागर का ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल है। आज एक नई परंपरा की शुरुआत गंगा आरती के रूप में की जा रही है। भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपए की राशि से हमारी विरासत सागर झील को स्वच्छ एवं सुंदर बनाया है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि झील को स्वच्छ एवं सुंदर बनाए रखने में अपनी जिम्मेदारी निभाएं और जो लोग अपने पूर्वजों की स्मृति में गंगा आरती करना चाहते हैं, वे लोग पंजीयन कर लें, जिससे उनके नाम से आरती की जा सके।

साभार : नव भारत टाइम्स 






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