Damoh News - दमोह जिले के 130 शासकीय स्कूल भवन जर्जर हालत में पहुंच गए हैं। जहां पर बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें प्राइमरी से लेकर मिडिल, हाई व हायर सेकंडरी स्कूल शामिल हैं। अधिकांश स्कूलों की छत कमजोर हो गई है कि उनमें से प्लास्टर गिरने से सरियां नजर आने लगी हैं। कई स्कूल भवनों की दीवारों में छेद हो गए हैं। कई भवनों में बारिश का पानी टपक रहा है।
ग्रामीण अंचलों के स्कूलों की हालत ज्यादा खराब है। हैरानी की बात तो यह है कि हर साल बारिश के पहले स्कूलों की मरम्मत के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा बैठक की जाती है। जिसमें मरम्मत के निर्देश दिए जाते हैं। इसके बाद भी स्कूलों की हालत जस की तस बनी हुई है। शिक्षा विभाग के अधिकारी बजट की कमी का रोना रो रहे हैं। हालांकि हर साल स्कूल भवनों की मरम्मत के नाम पर शासन स्तर से राशि जारी की जाती है। लेकिन इस राशि का कहां उपयोग किया जा रहा है, इसका पता ही नहीं चल रहा।
तीन साल पहले पूर्व कलेक्टर तरुण राठी के निर्देश पर जिले भर के जर्जर स्कूलों का सर्वे जिला शिक्षा केंद्र के उपयंत्रियों द्वारा किया गया था। उस दौरान 700 स्कूल चिन्हित किए गए थे। इन स्कूलों की मरम्मत के लिए तीन करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। इनमें से बीते साल एक करोड़ रुपए से हायर सेकंडरी स्कूलों की मरम्मत भी कराई गई थी। दमोह शहर के बजरिया सात का मिडिल स्कूल की छत 20 दिन पहले गिर गई। गनीमत रही की उस समय स्कूल की छुट्टी हो गई थी। जिससे कोई जनहानि नहीं हो पाई।
जबेरा ब्लॉक के कुसमी मानगढ़ प्राइमरी स्कूल भवन का आगे का हिस्सा बीते साल बारिश के सीजन में अचानक ढह गया था। गनीमत रही कि उस समय बच्चे स्कूल के बाहर खेल रहे थे, जिससे उनकी जान बच गई थी। हैरानी की बात तो यह है यह भवन 10 साल पहले ही बना था, फिर भी टूट गया था। इस लापरवाही के चलते जिला शिक्षा केंद्र के दो उपयंत्रियों को बर्खास्त करने के आदेश तत्काल कलेक्टर ने दिए थे।
कभी भी गिर सकता है भवन
पथरिया ब्लॉक के ग्राम सेमरा लोधी में मिडिल स्कूल भवन की हालत काफी जर्जर हो गई है। स्कूल भवन के छज्जा से प्लास्टर निकल गया है, जिससे सरिया नजर आने लगी हैं। साथ ही छज्जा नीचे की ओर झुक गया है। स्कूल भवन की दीवारों में भी दरारें आ गई हैं। जिससे बारिश में यह भवन कभी भी गिर सकता है। शिक्षक शिवराज सिंह के अनुसार कई बार अधिकारियों को सूचना दे चुके हैं, लेकिन कोई मरम्मत नहीं हुई। यहां 150 बच्चे अध्ययनरत हैं। जिन्हें पढ़ाई करने में डर लगा रहता है।
दीवार में हो गया छेद
बटियागड़ तहसील के खेरी रामदास गांव के प्राथमिक स्कूल की हालत इतनी जर्जर हो गई है कि यहां दीवार में छेद हो गए हैं। साथ ही स्कूल भवन जर्जर हालत में है। प्राचार्य कई बार अधिकारियों को लिखकर दे चुके हैं। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने बताया कि जर्जर स्कूल भवन की मरम्मत गौड खनिज मद से कराई जाना है। इसके लिए अभी 130 स्कूलों का प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन को भेजा जा रहा है। राशि मंजूर होने के बाद इन स्कूलों की मरम्मत करई जाएगी। शेष स्कूलों के लिए शासन स्तर से राशि आने पर मरम्मत हो सकेगी।
साभार : अमर उजाला
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