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Jhansi : IAS आंद्रा वामसी पेश कर रहे झाँसी और बस्ती में मिसाल पेश, 7 महीने में 70 हजार मामलों का निस्तारण

Jhansi News : उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक असाधारण उदाहरण पेश किया गया है। आईएएस अधिकारी आंद्रा वामसी, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश में विशेष सचिव स्टांप और पंजीयन हैं, ने अपने कार्यकाल के दौरान एक अनूठी पहल की। उन्होंने 7 महीने में 70 हजार राजस्व मुकदमों का निस्तारण कर एक मिसाल पेश की।

                               


उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक आईएएस अधिकारी ने न्याय प्रणाली में क्रांति ला दी है। आंद्रा वामसी ने महज 7 महीने में 70 हजार से अधिक लंबित मुकदमों का निस्तारण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल बस्ती बल्कि पूरे प्रदेश में प्रशासनिक दक्षता की एक नई परिभाषा गढ़ दी है। उन्होंने झांसी के डीएम रहते हुए कई अच्छे काम किए थे।

संकल्प और कार्यान्वयन

आंद्रा वामसी ने बस्ती में डीएम पद संभालते समय त्वरित न्याय का मॉडल लागू किया। उन्होंने सबसे पहले लंबित मुकदमों की छंटाई की, जिसमें एक, दो, पांच से लेकर 20 वर्ष तक के मामलों को अलग किया गया। इन मुकदमों को उनकी प्रकृति के अनुसार राजस्व, भूमि विवाद, और गैंगस्टर व गुंडा एक्ट जैसी श्रेणियों में बांटा गया। उन्होंने अधिकारियों की कोर्ट में तैनात रीडर (पेशकार) को त्वरित निस्तारण के लिए प्रशिक्षित किया और अनावश्यक मुकदमों को खत्म कराया।

समन्वय और मॉनिटरिंग

वामसी ने अधिवक्ताओं के साथ समन्वय बैठकें आयोजित कीं, जिनमें वाद लंबित होने के कारणों का अविलंब निस्तारण किया गया। उन्होंने मुख्य सचिव स्तर से नियमित मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की, जिससे प्रक्रिया और अधिक प्रभावी हो गई। इससे पहले, कुशीनगर और झांसी में भी इसी मॉडल पर काम कर चुके थे, जहां उन्होंने औसतन हर माह तीन हजार मुकदमों का निस्तारण किया।

झांसी में प्रशंसनीय कार्य

झांसी में कोविड काल के दौरान वामसी ने यूपी के बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों के लिए अच्छी व्यवस्था की थी। उन्होंने खाने से लेकर ठहराव तक की शानदार व्यवस्था की, जिसे शासन की प्रशंसा मिली। इसके अलावा, उन्होंने झांसी में स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया।

आंद्रा वामसी का कार्यकाल बस्ती और झांसी में एक प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत करता है। उनकी प्रशासनिक कुशलता और त्वरित न्याय की प्रतिबद्धता ने इन जिलों में न्यायिक प्रक्रियाओं को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब बस्ती के डीएम पद की जिम्मेदारी रवीश गुप्ता के पास है, जो इस अभियान को जारी रखे हुए हैं।

साभार : पत्रिका 



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