Jalaun News - हेपेटाइटिस के मरीजों को अब जिला स्तर पर ही इलाज मिल सकेगा। इसके लिए जिला अस्पताल में ट्रीटमेंट सेंटर बनाया गया है। ट्रीटमेंट सेंटर के संचालन के लिए जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. शिवेश वर्मा को विशेष ट्रेनिंग दिलाकर इसके संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। ट्रीटमेंट सेंटर बनने से मरीजों की झांसी-कानपुर जाने की समस्या दूर हो गई है।
हेपेटाइटिस लीवर संबंधी गंभीर बीमारी है। इसका अभी तक मंडल स्तर के अस्पतालों में भी इलाज की व्यवस्था थी। इससे मरीजों को परेशानी होती थी। गंभीर मरीजों को लखनऊ तक के अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती थी। अब जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस का ट्रीटमेंट सेंटर खोल दिया गया है। इससे जांच से लेकर इलाज तक की सभी सुविधाएं मरीजों को यहीं मिलने लगी है।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल राज ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिला अस्पताल में हेपेटाइटिस की जांच के लिए ट्रीटमेंट सेंटर शुरू कर दिया गया है। कोविड के आईसीयू वार्ड में हेपेटाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर खोला गया है।
एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि हेपेटाइटिस संक्रामक बीमारी है और यह किसी संक्रमित के रक्त के संपर्क में आने से फैलती है। हेपेटाइटिस ए और बी दोनों खतरनाक होते हैं। इसकी जांच लीवर के अलावा ब्लड जांच एंटीजन जांच से भी हो जाती है। इससे बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है। हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए इसका टीका जरूर लगवा लेना चाहिए। हेपेटाइटिस का कोई इलाज नहीं है। इससे इससे बचाव जरूरी है।
हेपेटाइटिस के कारण व बीमारी के लक्षण
अनियमित खानपान, दूषित जल और भोजन का सेवन, ज्यादा शराब पीने से लीवर संबंधी यह बीमारी हो सकती है। संक्रमित सुई का प्रयोग करने, असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद का संचार से यह बीमारी हो सकती है। बहुत अधिक थकान महसूस होना,खाना खाने की इच्छा न होना, उल्टी होना, पेट में दर्द होना, मल का रंग बदलना, आंखों और त्वचा का रंग पीला होना
36 जगह लगे स्वास्थ्य मेले, 1688 मरीजों को हुई जांच
मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले का आयोजन 30 ग्रामीण और छह शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में किया गया। जिनमें 34 चिकित्सक, 142 पैरामेडिकल स्टाफ ने चिकित्सीय कार्य किया। 762 पुरुष, 690 महिला, 236 बच्चों समेत 1688 रोगियों का परीक्षण किया गया। 40 आयुष्मान कार्ड बनाए गए। 49 रोगियों का मलेरिया कार्ड से जांच की गई। 22 रोगियों की हेपेटाइटिस की जांच हुई। 25 मरीजों की आंखों का परीक्षण किया गया। 56 गर्भवती महिलाओं का परीक्षण किया गया। जिनमें 13 रोगियों को इलाज के लिए एंबुलेंस से उच्च सेंटर के लिए रेफर किया गया। सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि बुखार के 120, लीवर संबंधी बीमारी के 253, श्वसन संबंधी बीमारी के 153 मरीज आए। 88 डायबिटीज के रोगियों ने इलाज लिया। सबसे अधिक 324 त्वचा संबंधी रोगों के मरीज पहुंचे।
साभार : अमर उजाला
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