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Bundelkhand : केन बेतवा प्रोजेक्ट में 14 गांवों का विस्थापन किया जाना है, विस्थापितों को मिलेगा ऑप्शन, प्लॉट लें या मुआवजा राशि

Bundelkhand News : बुंदेलखंड में केन बेतवा प्रोजेक्ट में 14 गांवों का विस्थापन किया जाना है। इन गांवों में भू अर्जन का कार्य चल रहा है। गांवों के निवासियों को प्लॉट या मुआवजा राशि का ऑप्शन दिया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश और यूपी के कई जिलों की जलसंकट समस्या को हल हो जाएगी।


बुंदेलखंड में 44 हजार करोड़ का केन बेतवा प्रोजेक्ट आकार लेने की तैयारी में है।केन बेतवा के दायरे में आने वाले 14 गांवों को विस्थापित किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इन गांवों में भू अर्जन का काम चल रहा है। 14 गांवों के करीब चार हजार परिवार हैं जिनका भू अर्जन किया जाना है। करीब 2700 परिवारों के बीच भू अर्जन का काम हो चुका है।

इन परिवारों को जिन गांवों के नजदीक विस्थापित किया जाना है वो जगह चिन्हांकित की चुकी है। जहां बसने वाले लोगों को प्लॉट या मुआवजा राशि देने का ऑप्शन दिया जाएगा। विस्थापित परिवार या तो प्लाट ले सकते हैं या फिर मुआवजा राशि 12 हजार 500 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ले सकेंगे। इस तरह का रोड़ मैप विभागीय स्तर पर खींचा जा चुका है।

भू अर्जन के बाद मुआवजा राशि का वितरण

पहले चरण के तहत भू अर्जन कार्य चल रहा है। यह कार्य पूरा होने के बाद मुआवजा राशि वितरण होगा। उसके बाद केन बेतवा प्रोजेक्ट आकार लेना शुरू हो जाएगा। अभी लोगाें का अभिमत लिया जा रहा है, कि वह क्या चाहते हैं। आपको बता दें कि केन बेतवा को जोड़ने का यह काम मध्य प्रदेश और यूपी के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में जलसंकट के दौर को खत्म करने का काम करेगा।

विस्थापित करने गांव क्षेत्र का चयन

खास बात यह है इस प्रोजेक्ट के कारण विस्थापित होने वाले गांवों की तस्वीर बदल सकती है। क्योंकि अभी जो गांव हैं वह जंगली क्षेत्र और शहरों से दूरी रखते हैं। जहां लोगों को स्वास्थ्य,सड़क, शिक्षा आदि की समस्याएं झेलनी पड़ती है। इन गांवों को विस्थापित करने के लिए शुरुआती तौर पर चार गांव चिन्हांकित किए गए हैं।

चयनित गांवों में मिलेंगी सुविधाएं

इनमें किशनगढ़, राईपुरा, नंदगायबच्चन सहित चार गांव शामिल हैं। जहां विस्थापितों की सुविधाओं जैसे सड़क, पानी, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। छतरपुर जिले के ढोढ़न, खरियानी, भोरखुआं, पलकौहां, सुकवाहा, कुपी, नैगुवां, शाहपुरा, मैनारी, पाठापुर आदि गांव शामिल हैं।

"केन बेतवा प्रोजेक्ट में अभी भूअर्जन का काम चल रहा है। करीब 2700 परिवारों का भूअर्जन का काम हो चुका है।अभी लोगों से अभिमत मांगा जा रहा है कि वह प्लाट लेंगे या मुआवजा राशि। उनका अभिमत फाइनल होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी।"

निर्मलचंद्र जैन, ईई, केन बेतवा प्रोजेक्ट

सालों का इंतजार खत्म

केन बेतवा प्रोजेक्ट को लेकर छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह,सागर,निवाड़ी, शिवपुरी सहित यूपी के महोबा, बांदा झांसी और ललितपुर जिलों को सालों से इंतजार है। क्योंकि बुंदेलखंड में केन बेतवा की ग्राफ सालों पहले ही खींचा जा चुका था। जिस पर अमल होना अब शुरू हुआ है।

ढोढन गांव पर बनेगा बांध

इस प्रोजेक्ट के ढोढन गांव क्षेत्र में बांध बनाया जाएगा। जिससे किसानों की खेती और बिजली दोनों मिल सकेगी। डूब क्षेत्र के बाहर रहने वाले 11 गांवों में पार्क के कोर एरिया का विस्तार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में पीटीआर की करीब छह हजार 17 हेक्टेयर भूमि डूब रही है। इसमें से 4141 हेक्टेयर भूमि कोर एरिया की है।

साभार : नई दुनिया 



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