लोकसभा चुनाव: कानपुर-बुंदेलखंड के इन बीजेपी सांसदों का कट सकता है टिकट, तैयार हो रहा रिपोर्ट कार्ड
कानपुर नगर से सांसद सत्यदेव पचौरी का टिकट ज्यादा उम्र होने की वजह से इस बार कट सकता है। इसी तरह हमीरपुर लोकसभा सीट से पुष्पेंद्र सिंह चंदेल और मिश्रिख लोकसभा सीट से अशोक रावत पर भी गाज गिर सकती है।
कानपुर और बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत किला है। लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने जमीनी स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। बीजेपी ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुराने चेहरों को दरकिनार करते हुए, नए चेहरों को प्रदेश की बागडोर सौंप दी है। बीजेपी नए चेहरों पर दांव लगाकर साबित कर दिया कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। लोकसभा चुनाव 2024 में कानपुर और बुंदेलखंड के कई सांसदों पर तलवार लटक रही है। यह भी कहा जा सकता है कि उनका टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। इन बीजेपी सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही उनके पांच साल का डेटा भी जुटाया जा रहा है।
कानपुर-बुंदेलखंड बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ है, जिसे बबुआ-बुआ की जोड़ी भी भेदने में नाकाम साबित रही। लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने कानपुर-बुंदेलखंड के 10 में से 10 सीटों पर कमल खिलाया था। समाजवादी पार्टी इटावा और कन्नौज का गढ़ भी नहीं बचा पाई थी। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अपने सबसे मजबूत किले की दीवारों को मजबूत करने में जुटी है। सभी लोकसभा सीटों पर विस्तारक, पन्ना प्रमुख और बूथ अध्यक्ष जमीनी स्तर पर काम करने में जुटे हैं। बीजेपी लगातार दावा कर रही है कि कानपुर-बुंदेलखंड की सभी सीटों पर एक बार फिर से एतिहासिक जीत दर्ज करेंगे।
10 सीटों पर इन सांसदों ने दर्ज की थी जीत
लोकसभा चुनाव 2019 में कानपुर-बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीट पर बीजेपी के इन सांसदों ने जीत दर्ज की थी। कानपुर लोकसभा सीट से सत्यदेव पचौरी सांसद बने थे। सत्यदेव पचौरी को आरएसएस का चेहरा माना जाता है। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को हराया था। कानपुर देहात की अकबरपुर लोक सभा सीट से देवेंद्र सिंह भोले ने शानदार जीत दर्ज की थी। देवेंद्र सिंह भोले ने सपा—बीएसपी गठबंधन प्रत्याशी निशा सचान को हराया था। मिश्रिख लोकसभा सीट से अशोक रावत ने शानदार जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीएसपी प्रत्याशी नीलू सत्यार्थी को हराया था। हमीरपर लोकसभा सीट से बीजेपी के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीएसपी के दिलीप कुमार सिंह को हराया था। बांदा लोकसभा सीट से बीजेपी के आर के पटेल ने जीत दर्ज की थी। आरके पटेल ने सपा के श्याम चरण गुप्ता को मात्र 58,453 वोटों से हराया था।
फर्रूखाबाद लोकसभा सीट से बीजेपी के मुकेश राजपूत ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने सपा—बसपा गठबंधन प्रत्याशी मनोज अग्रवाल को हराया था। मनोज अग्रवाल बीएसपी के करीबी नेता माने जाते हैं। इटावा लोकसभा सीट से रामशंकर कठेरिया दूसरी बार सांसद बने थे। रामशकंर कठेरिया ने सपा के कमलेश कठेरिया को हराया था। कन्नौज लोकसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता है। कन्नौज सीट से बीजेपी के सुब्रत पाठक ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था। इस सीट ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी थी। जालौन लोकसभा सीट बीजेपी के भानू प्रताप वर्मा ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीएसपी के पंकज सिंह को हराया था। झांसी लोकसभा सीट से बीजेपी के अनुराग शर्मा ने जीत दर्ज की थी। अनुराग शर्मा पेशे से कारोबारी हैं। उन्होंने सपा के श्याम सुंदर सिंह यादव को हराया था।
रिपोर्ट कार्ड में खरे नहीं उतरने वाले सांसदों के कटेंगे टिकट
बीजेपी के रिपोर्ट में खरे नहीं उतरने वाले सांसदों की टिकट कटनी तय मानी जानी जा रही है। इसके लिए बीजेपी ने कुछ मानक भी तय किए हैं। सांसदों की उम्र का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही सांसदों की अपने संसदीय क्षेत्र में जनता के बीच कितनी मौजदूगी रही। केंद्र सरकार की योजना को आम लोगों के बीच कैसे ले गए। सासंदों की अन्य जनप्रतिनिधियों और संगठन के पदाधिकारियों के तालमेल को भी परखा जाएगा। इसके साथ ही उनके कार्य करने तरीकों को भी परखा जाएगा।
कट सकता है इन सांसदों का टिकट
कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी का लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट कटना तय माना जा रहा है। दरअसल उनकी उम्र ज्यादा हो चुकी है और बीजेपी किसी युवा को टिकट देने पर विचार कर रही है। इसमें कानपुर प्रभारी पंकज सिंह का भी नाम सामने आ रहा है। वहीं, अकबरपुर लोकसभा सीट से दो बार के सांसद देवेंद्र सिंह की भी टिकट कट सकता है। देवेंद्र सिंह भोले ने पार्टी के खिलाफ जाकर अपने भाई की पत्नी नीरज रानी को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया था। इसके साथ ही देवेंद्र सिंह भोले और कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी का विधानसभा सभा अध्यक्ष से समीक्षा बैठक को लेकर विवाद भी सामने आया था। वहीं, हमीरपुर लोकसभा सीट से पुष्पेंद्र सिंह चंदेल की का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। इसके साथ ही मिश्रिख लोकसभा सीट से अशोक रावत पर भी गाज गिर सकती है।
बीजेपी की राह नहीं है आसान
लोकसभा चुनाव 2024 इंडिया गठबंधन और एनडीए के बीच होने वाला है। बीजेपी भी इस बात को समझ रही है कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन कड़ी टक्कर देगा। इस लिए बीजेपी जमीनी स्तर पर काम कर रही है। कानपुर—बुंदेलखंड में कांग्रेस और सपा के बीच सीटों का बटवारा होगा। बीजेपी कांग्रेस—सपा गठबंधन को बसपा और सपा गठबंधन से ज्यादा चुनौतीपूर्ण मान रही है।
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