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Parliament Attack : तो इसलिए Bomb लेकर संसद में घुसा Sagar Sharma

Parliament Attack : तो इसलिए Bomb लेकर संसद में घुसा Sagar Sharma

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देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली संसद में बुधवार को दो घटनाएं एक साथ हुईं. पहले दो शख्स विजिटल गैलरी से सदन में कूद गए, जिससे अफरा तफरा मच गई. इस घटना के कुछ देर बाद संसद के गेट पर दो लोग कलर स्मोक से स्प्रे करते पकड़े गए. चारों पुलिस की गिरफ्त में हैं.

देश के नए संसद भवन में एक ऐसी घटना हुई, जिसने 22 साल पहले पुराने जख्म को फिर से हरा कर दिया. 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला हुआ था, लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए और केन के जरिए रंगीन धुआं फैला दिया. घटना के तुरंत बाद दोनों को पकड़ लिया गया. इस घटना के कुछ देर बाद ही पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली केनलेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले एक पुरुष और एक महिला को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में 5 आरोपियों को पकड़ा गया है, जबकि एक अब भी फरार है.

मनोरंजन गौड़ा, सागर शर्मा, नीलम आजाद और अमोल शिंदेचारों को गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि सागर शर्मा और मनोरंजन विजिटर पास के जरिए सदन के अंदर पहुंचे. सागर शर्मा और मनोरंजन ने लोकसभा में पहुंचकर कलर स्मोक स्टिक के जरिए गैस स्प्रे की जबकि दो आरोपी संसद भवन परिसर में स्मोक स्टिक से गैस स्पे कर रहे थे. पांचवां आरोपी ललित झा वीडियो बना रहा था. वो फरार है.

35 साल का मनोरंजन कर्नाटक के बेंगलुरु का रहने वाला है. सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है तो 42 साल की नीलम हरियाणा के जींद की रहने वाली है. चौथा आरोपी 25 साल का अनमोल शिंदे महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है. अब तक की जांच में पता चला है कि चारों आरोपी एक-दूसरे को पहले से जानते हैं. चारों फेसबुक फ्रेंड हैं.

UAPA के तहत केस दर्ज

आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल UAPA के तहत जांच कर रही है. बता दें कि UAPA 1967 में बना था. गैरकानूनी संगठनों पर एक्शन के लिए ये बनाया गया. इसके तहत आतंकी गतिविधियों में दोषी पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान है.

इसमें आरोपियों की संपत्ति कुर्की का अधिकार होता है. पुलिस को 30 दिन की कस्टडी मिलती है. न्यायिक हिरासत 90 दिन की हो सकती है. इसमें अग्रिम जमानत संभव नहीं है. गैरकानूनी गतिविधि से मतलब है कि किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बाधित करने के इरादे से की गई कार्रवाई. इसमें दोषी पाए जाने वाले शख्स को मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है. यूएपीए के तहत, जांच एजेंसी गिरफ्तारी के बाद अधिकतम 180 दिनों में आरोप पत्र दायर कर सकती है और अदालत को सूचित करने के बाद अवधि को आगे बढ़ाया जा सकता है.

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