हाई स्पीड ट्रेन पकड़ेगी रफ्तार: अब रेलवे बनाने जा रहा चौथा ट्रेक, यात्रियों को मिलेगी सुविधा और व्यापार में होगा इजाफा
रेलवे की इस बड़ी योजना के साथ, यात्रीगण को नहीं सिर्फ एक नई यात्रा का आनंद होगा, बल्कि साथ ही साथ यह राज्यों के बीच बढ़ रहे व्यापार और विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
झांसी क्षेत्र में रेलवे के विकास का एक नया पहलू है, जिसमें धौलपुर से बीना तक चौथा रेल ट्रैक बनाने का काम तेजी से बढ़ रहा है। सर्वे के पूर्ण होने के बाद, इस परीक्षण की प्रक्रिया में खामियों को दूर करते हुए काम शुरू किया जाएगा।
सुगम और तेज यातायात का लाभ
रेलवे प्रशासन ने आगासौद से झांसी तक, और दतिया से मुरैना तक के लगभग 225 किलोमीटर क्षेत्र में तीसरा रेल ट्रैक तैयार कर लिया है। इससे यात्रीगण और माल वाहन को और भी सुगमता से यात्रा करने का मौका मिलेगा। इस नए रेल ट्रैक से ट्रेनों की रफ्तार में वृद्धि होगी, जिससे यात्रियों को समय की बचत होगी।
रेलवे की समयबद्धता में सुधार
तीसरे और चौथे रेल ट्रैक के बन जाने से रेलवे को मिलेगा एक नया और सुगम तंत्र, जिससे मालगाड़ियां और यात्रीगण अलग-अलग लाइनों पर चल सकेंगे। यह नए परिवर्तन से मालगाड़ियों के ट्रैफिक को तीसरी और चौथी रेल लाइन पर शिफ्ट करके रेलवे की समयबद्धता में सुधार होगा।
चौथे रेल ट्रैक की खासियत
रेल लाइन की लंबाई: इस नए रेल ट्रैक की लंबाई 321.80 किलोमीटर होगी, जिससे यात्रीगण को एक नए सफर का अनुभव होगा।
अनुमानित लागत: इस पूरे परियोजने की अनुमानित लागत 4,869 करोड़ रुपये है, जिससे विकास में सामर्थ्य आएगी।
समर्थन और मंजूरी: इस परियोजना को रेलवे बोर्ड द्वारा मंजूरी मिल चुकी है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
हाई स्पीड ट्रेनों के लिए बेहतर अवसर
जानकारी देते हुए रेल मंडल झांसी के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया, “पहले और दूसरे रेल ट्रैक पर 12 प्रतिशत लोड अधिक होने के कारण वंदे भारत जैसी हाई स्पीड ट्रेनें अपनी अधिकतम गति को नहीं प्राप्त कर पा रहीं हैं। लेकिन चौथे और तीसरे रेल ट्रैक बनने से इन ट्रेनों को भी सुगमता से और तेज गति से यात्रा करने का अवसर मिलेगा। वंदे भारत की अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा होने के बावजूद, इस नए योजना से इसके अधिकतम उपयोग का अवसर होगा।”
रेलवे के इस नए परियोजना से समृद्धि की ओर एक और कदम बढ़ा है, जिससे यात्रीगण को सुरक्षित और सुगमता से यात्रा करने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
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