Orcha Ram Temple: श्रीरामराजा मंदिर में 450 साल पुरानी परंपरा बदली, अब एक चार की गार्ड देगी सरकार को सलामी
टीकमगढ़/ओरछा। देश में मध्यप्रदेश की पर्यटन नगरी ओरछा इकलौता शहर है जहां केवल भगवान श्रीरामराजा सरकार को वीआईपी माना जाता है और उन्हें ही सशस्त्र सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा से श्रीरामराजा मंदिर में नई परंपरा शुरू गई है। अब मंदिर खुलने के समय यहां पर एक चार की गार्ड श्रीरामराजा सरकार को सलामी देगी। अभी केवल एक गार्ड ही सशत्र सलामी देता था। ओरछा स्थित श्रीरामराजा मंदिर विश्व का एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान राम की राजा के रूप में पूजा की जाती है। यहां पर श्रीराम को दिन में चार बार सशत्र सलामी दी जाती है।
श्रीराम के अयोध्या से ओरछा आगमन के बाद से पिछले 450 सालों से यह परंपरा चली आ रही है, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। ओरछा मंदिर के प्रबंधक और तहसीलदार सुमित गुर्जर ने बताया कार्तिक पूर्णिमा से इस व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब दोनों समय मंदिर खुलने पर एक चार की सशत्र गार्ड भगवान को सलामी देगी। वहीं मंदिर बंद होने पर पूर्व की भांति एक ही गार्ड सलामी देगा। भगवान की सलामी के लिए तैनात गार्ड यहां पर भगवान के अतिरिक्त किसी अन्य को सलामी नहीं देता है।
एसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि मंदिर समिति और लोगों की सहमति से यह नई व्यवस्था शुरू की गई है। इसकी रिपोर्ट पुलिस लाइन में दर्ज करने के साथ ही रक्षित निरीक्षक और मंदिर के गार्ड प्रभारी की नियमित रूप से यह व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए है।
शहर में नहीं है कोई दूसरा राजा
बुंदेलखंड की अयोध्या व देश में भगवान श्रीरामराजा सरकार की राजधानी का ओरछा को दर्जा प्राप्त है। कारण अयोध्या में भगवान को बाल स्वरूप श्रीराम लला के रुप में पूजा जाता है, तो ओरछा में राजा राम के रूप में विराजे हैं। इस कारण इस शहर में कोई दूसरा राजा नहीं होता। आज से 450 साल पहले यहां की महारानी जब अयोध्या से भगवान रामराजा सरकार को लेकर ओरछा आई थीं और स्थापना के साथ ही यह परंपरा प्रारंभ हो गई थी। मंदिर की स्थापना कराने वाले राजा मधुकर शाह ने भी भगवान को राजा मानकार खुद कार्यकारी राजा के रूप में काम किया था।
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