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सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में 74 तालाबों को दिया नया जीवन, वाटर हीरो रामबाबू को मिलेगा जल प्रहरी अवार्ड

सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में 74 तालाबों को दिया नया जीवन, वाटर हीरो रामबाबू को मिलेगा जल प्रहरी अवार्ड

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जल संचयन के अभियान में जुटे रामबाबू तिवारी के प्रयास से बिना किसी सरकारी मदद के तालाब पानी से भरे हैं। जिन तालाबों से खेतों की सिंचाई भी की जा रही है। पशुओं को पानी भी मिल रहा है।

बांदा: बीता हुआ एक वो दौर, जब बुंदेलखंड (Bundelkhand) सूखे से जूझ रहा था। जल प्रबंधन और संरक्षण के प्रयासों का अता-पता तक नहीं था। बुंदेलखंड के साथ सूखा शब्द बदहाली का प्रतीक बन जुड़ा रहा। गांवों से पलायन का सिलसिला जारी था। ‘हो गई पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए’(दुष्यंत कुमार की पंक्तियां) की वेदना और कामना के बीच यहां आखिरकार उम्मीदों की ‘गंगा’ निकली। भगीरथ बने शोध छात्र रामबाबू तिवारी,जो सामूहिक प्रयास से बुंदेली धरा की कोख पानी से संतृप्त करने की मुहिम में जुटे। देखते ही देखते 74 तालाबों को नया जीवन दे दिया। वह चौपाल और जल यात्राओं के जरिए गांव-गांव पानी बचाने का मंत्र दे रहे हैं। जल संरक्षण के नायक बन चुके रामबाबू को जल शक्ति मंत्रालय ने वाटर हीरो अवार्ड के बाद जल प्रहरी अवार्ड के लिए चुना है।

कई वर्षों से चला रहे हैं Bundelkhand मुहिम

यूपी के जनपद बांदा में बबेरू तहसील के अधांव गांव निवासी तालाब बचाओ अभियान के संयोजक एवं शोध छात्र रामबाबू तिवारी बुंदेलखंड के तालाबों का सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण एवं आर्थिक महत्व वापस लाने की मुहिम कई वर्षों से चला रहे हैं। गांव से शुरू हुई जल के प्राकृतिक स्रोत तालाबों और कुओं के संरक्षण-संवर्धन की मुहिम अब बुंदेलखंड (Bundelkhand) ही नहीं, पूरे देश में अपनी पहचान बना चुकी है। उन्होंने गांव-गांव जाकर पानी चौपाल, पानी पंचायत लगाकर सामूहिक श्रमदान के माध्यम से 74 से अधिक तालाबों का जीर्णाेद्धार कराया है।

बांदा जनपद के अंधाव गांव में ‘खेत का पानी खेत में, गांव का पानी गांव में’ मिशन के तहत गांव में बरसात के पानी को रोकने का खेतों में मेड बंदी कराकर किसानों के साथ बारिश की एक एक बूंद को सहजने का कार्य किया।इस अभियान की सराहना भी 27 जून 2021 को भारत के प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम में कर चुके हैं। और इनके शोध का विषय भी बुंदेलखंड (Bundelkhand) के तालाबों का सामाजिक सांस्कृतिक अध्ययन है।

जल संचयन के लिए कई बार सम्मानित

जल संचयन के क्षेत्र में कार्य कर रहे जल योद्धा रामबाबू तिवारी को अब तक 20 सितंबर , 2020 में वाटर हीरो अवार्ड,परमार्थ समाजसेवी संस्थान से जल सेवक अवार्ड, परमार्थ समाजसेवी संस्थान से जल सेवक अवार्ड, विशाल संकल्प संस्थान से जल योद्धा सम्मान और अरुणोदय संस्थान से जल रत्न अवार्ड मिल चुका है। अब 2023 के जल प्रहरी अवार्ड के लिए चुना गया है। जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार व सरकारी टेल संस्था प्रति वर्ष देश भर में जल संचयन के क्षेत्र में कार्य कर रहे जल योद्धा को जल प्रहरी अवार्ड से सम्मानित करतीं है। इस वर्ष का अवार्ड 13 दिसंबर 2023 को जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत देंगे।

अभिलेखों में दर्ज तालाब हो गए गायब

रामबाबू बताते हैं, बुंदेलखंड (Bundelkhand) शुरू से सूखे की मार झेलता रहा। करीब आधा सैकड़ा चंदेलकालीन तालाब अभी हैं। जिले के राजस्व अभिलेखों में 3295 तालाब हैं। मौके पर जाकर स्थिति देखी तो आधे भी नहीं बचे हैं। तालाबों की संस्कृति को वापस लाने के लिए तालाब महोत्सव का आयोजन और पूजन किया। तालाब किनारे मानव शृंखला बनाई। स्थानीय गीत-संगीत के साथ नाटक और नृत्य का आयोजन किया। बड़े स्तर पर तीन जल यात्राएं निकालीं। इसमें सामाजिक कार्यकर्ता एवं बुंदेलखंड (Bundelkhand) क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को भी सहयोगी बनाया। हमारा ये मिशन अब भी जारी है।

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