रेलवे काशी से झांसी तक की यात्रा को और सरल बनाने जा रहा है। 13 घंटे का सफर अब सिर्फ 8 घंटे में पूरा हो जाएगा। रानी झांसी की जयंती के उपलक्ष्य में काशी से झांसी (Jhansi) तक वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat) चलाने की तैयारी हो रही है।
रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली काशी (वाराणसी) से उनकी कर्मस्थली झांसी तक वंदे भारत को चलाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसे झांसी की रानी के जन्मदिन 19 नवम्बर को शुरू करने की योजना है। इसका मसौदा रेल मंत्रालय तैयार कर रहा है। झांसी (Bundelkhand) से काशी तक जाने के लिए अभी तक मात्र बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस है जो उनकी जन्मस्थली (वाराणसी) से बलिदान स्थली (ग्वालियर) को जोड़ती है। यदि वंदे भारत ट्रेन शुरू होती है तो जो यात्रा अभी 12-13 घण्टे में पूरी होती है, इस ट्रेन के चलने से वही यात्रा 7-8 घण्टे में पूरी हो जाएगी। फिलहाल किसी प्रकार नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।
खजुराहो वंदे भारत भी हो सकती शुरूरेल मंत्रालय द्वारा दीपावली से रानी लक्ष्मीबाई की जयंती समारोह के मध्य कई वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू करने की योजना है। इसमें काशी से झांसी (Jhansi) वन्दे भारत के साथ ही खजुराहो वन्दे भारत को भी शुरू किया जा सकता है। इन ट्रेन का संचालन बुन्देलखण्ड (Bundelkhand) में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
योजना तैयार करने में जुटा रेलवेवीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जन्मभूमि वाराणसी और कर्मभूमि झांसी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस चलेगी। इसकी योजना रेलवे ने | तैयार कर ली है। इसे रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिन 19 नवंबर को चालू करने की तैयारी है। इसके लिए रेल मंत्रालय द्वारा लगभग | सभी सम्भावित तैयारियां कर ली गई हैं, लेकिन अभी तक झांसी मंडल को नोटिफिकेशन तक नहीं मिला है। उधर, सूत्रों की माने यह सेमी हाईस्पीड ट्रेन वाराणसी से प्रयागराज, चित्रकूट (Chitrakoot) होते हुए झांसी तक चलाई जाएगी।
रानी के मायके से ससुराल तक का सफर तय करेगी वंदे भारतवीरांगना लक्ष्मीबाई का जन्म काशी में हुआ और उनकी शादी झांसी में हो गई। इस ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए दोनों जिलों के बीच वंदे भारत जैसी सौगात देने पर विचार किया जा रहा है। इससे न सिर्फ काशी से समूचे बुन्देलखण्ड (Bundelkhand) की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। रेलवे बोर्ड इस रूट पर सर्वे में जुटा है।
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