मध्यप्रदेश में (Bundelkhand) अब तक 14 विधानसभा आम निर्वाचन हो चुके हैं इस बार 15 वीं विधानसभा का चुनाव है। पिछले 15 चुनावों मेंं भाजपा को छोड़ किसी राष्ट्रीय राजनैतिक दल ने महिला प्रत्याशी ने भरोसा नहीं जताया है। पिछले 14 चुनावों में दतिया विधानसभा में तीन महिला प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया लेकिन किसी भी महिला को दतिया विधानसभा का नेतृत्व करने का अवसर नहीं मिला।
दतिया: मध्यप्रदेश (Bundelkhand) में अब तक 14 विधानसभा आम निर्वाचन हो चुके हैं इस बार 15 वीं विधानसभा का चुनाव है। पिछले 15 चुनावों मेंं भाजपा को छोड़ किसी राष्ट्रीय राजनैतिक दल ने महिला प्रत्याशी ने भरोसा नहीं जताया है। पिछले 14 चुनावों में दतिया विधानसभा में तीन महिला प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया लेकिन किसी भी महिला को दतिया विधानसभा का नेतृत्व करने का अवसर नहीं मिला।
चुनाव में महिलाएं अपनी प्रमुख भूमिका निभाती हैं और प्रत्याशियों की हार-जीत तय करती विधानसभा आम निर्वाचन 2023 के लिए आचार संहिता लागू हो चुकी है और नाम निर्देशन पत्र दाखिल होने के साथ प्रत्याशियों द्वारा नाम निर्देशन पत्र दाखिल भी किए जाने लगे हैं। शहर में इन दिनों चौराहों व सार्वजनिक स्थानों पर चुनाव की चर्चाएं होने लगी हैं। ऐसे में आधी आबादी यानि महिलाओं की चुनाव में भूमिका को लेकर भी चर्चाएं चल रहीं हैं। चुनाव में महिलाएं अपनी प्रमुख भूमिका निभाती हैं और प्रत्याशियों की हार-जीत तय करती हैं। इसके बावजूद राजनैतिक दलों द्वारा महिलाओं को टिकट देने में तबज्जो नहीं दी जाती।
नोटा से कम वोट मिले
महिलाओं की मतदान में महत्वपूर्ण भूमिका होने के बाद भी दतिया विधानसभा क्षेत्र से महिलाओं को प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिल पा रहा है। दतिया (District Of Bundelkhand) विधानसभा क्षेत्र से सबसे पहला निर्वाचन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में 1962 में चंपा देवी ने लड़ा था। चंपा देवी को 204 मत प्राप्त हुए थे। जबकि 2013 में बीएएसडी पार्टी से गायत्री देवी कुशवाह चुनाव मैदान में उतरीं थीं। गायत्री देवी पांचवे नंबर पर आई थीं और उन्हें 1420 मत प्राप्त हुए थे। जबकि नोटा को उनसे ज्यादा 1774 मत प्राप्त हुए थे।
0 टिप्पणियाँ