ललितपुर। महज एक साल में ही खनिज विभाग अपने अमृत सरोवरों को भूल गया है। जबकि, पिछले साल ही इनके निर्माण के लिए बंद पड़ीं 11 खदानों को चिह्नित कर एक करोड़ नौ लाख रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन, वर्तमान में इन तालाबों की स्थिति की विभागीय अधिकारियों को जानकारी नहीं है।
शासन ने भूजलस्तर को गिरने से रोकने के लिए तालाब बनाने की योजना शुरू की थी। इसके तहत वर्ष 2022 में खनिज विभाग की बंद पड़ीं पत्थर खदानों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत वाटर हार्वेस्टिंग के लिए चिह्नित कर तालाब बनाने की योजना बनाई थी। जनपद में खनिज विभाग के जिला खनिज फाउंडेशन न्यास निधि से एक करोड़ नौ लाख रुपये खर्च किए गए थे। साथ ही मनरेगा योजना से 56 लाख 75 हजार रुपये स्वीकृत हुए थे। विगत वर्ष जून माह में इस योजना को प्रारंभ किया किया था, लेकिन वर्तमान में इन तालाबों की क्या स्थिति है और इनमें कितना काम हुआ है, विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। जिला खान अधिकारी अमितोष वर्मा से जब जानकारी लेनी चाहिए तो उन्होंने वर्तमान में तालाबों की स्थिति पर अनभिज्ञता जाहिर की।
इन ग्रामों की बंद खदानों पर बनने थे तालाब
ग्राम का नाम - खनिज फाउंडेशन से निर्गत धनराशि (लाख में)
खुरा - 9.96
महोली - 9.99
आलापुर - 9.98
हरदारी - 9.99
रमपुरा - 9.97
बजरंगगढ़ - 9.99
कुचदों - 9.99
पिपरौनिया - 9.97
जहाजपुर - 9.99
गुढ़ा - 9.97
मैगुवां - 9.96
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