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क्यों हुआ झाँसी में बिजली विभाग को भरी नुकसान?

झांसी। बिजली बिल भुगतान की ऑनलाइन व्यवस्था ने विभाग को कड़ी चोट दी है। आननफानन में आरएमएस पोर्टल बंद हो जाने से मई माह में झांसी के ग्रामीण इलाकों के 4.67 लाख बिजली उपभोक्ताओं के बिजली के बिल ही नहीं बनाए गए। इससे सरकारी खजाने को करीब 50 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। वही अब उपभोक्ताओं से दो महीने का बिल वसूल किया जाएगा।

                           

अभी तक शहरी एवं ग्रामीण इलाकों के विद्युत उपभोक्ताओं के बिल आरएमएस पोर्टल के जरिये तैयार कराए जाते थे। दो माह पहले सरकार ने रियल टाइम बिल तैयार करने के लिए पोर्टल को बंद कर दिया। इसकी जगह नए एम पावर साॅफ्टवेयर के जरिए बिल तैयार कराए जाने के निर्देश दिए गए। इस सॉफ्टवेयर से मई माह के बिल तैयार कराए जाने थे।लेकिन विद्युत विभाग समय पर इसकी तैयारी पूरी नहीं कर सका। लिहाजा मई माह के बिल लटक गए।

बिल नहीं बनने से वसूली ठप हो गई। इससे विद्युत अफसरों में हड़कंप मच गया। किसी तरह शहरी इलाकों के बिल तैयार कराए गए, लेकिन ग्रामीण इलाकों के बिल फिर भी तैयार नहीं हो सके। अफसरों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में कुल 4.67 लाख कनेक्शन धारक हैं, लेकिन इनके बिल नहीं बन सके। बिल न बन पाने से ग्रामीण इलाकों में महज पांच प्रतिशत ही वसूली हो सकी। करीब 50 करोड़ रुपये उपभोक्ताओं पर बकाया हो गया। अब जून माह में इसे एरियर के तौर पर वसूले जाने की तैयारी है।

इनसेट आननफानन तैयार कराए गए 1.20 लाख बिल
व्यवस्था में बदलाव के चलते मई माह में बिलिंग धड़ाम हो गई। सिर्फ शहरी इलाके में 1.20 लाख बिल किसी तरह तैयार कराकर उनसे वसूली की जा सकी। शहरी इलाके से करीब 80 फीसदी वसूली कर ली गई।
ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं के बिल तैयार नहीं हो सके थे। इस वजह से उनसे वसूली नहीं हो सकी। इस माह उनसे वसूली के बिल भेजे जा रहे हैं।

Source: Amar Ujala 

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