दमोह जिला मुख्यालय के संग्रहालय में रखी माता रुक्मणी की प्रतिमा को कुंडलपुर मठ में स्थापित करने के लिए अब विश्वहिंदू परिषद के साथ सकल जैन समाज ने भी प्रशासन से मांग की है। जिले के कुंडलपुर रुकमणी मठ से चोरी हुई प्रतिमा राजस्थान में मिली थी, जो ग्यारसपुर संग्रहालय से कुछ साल पहले दमोह संग्रहालाय आ चुकी है। इस प्रतिमा को जिले के लोग वापस माता रुक्मणी के मठ में स्थापित करने की मांग कर रहे हैं।
साल 2019 में इस प्रतिमा को ग्यारसपुर संग्रहालय से बुलाया गया था। उस समय राजनेताओं ने यह भरोसा दिलाया था कि प्रतिमा को शीघ्र ही अपने मठ में भेज दिया जाएगा, लेकिन अब पता चला है कि ग्यारसपुर संग्रहालय से जब इस प्रतिमा को दमोह लाया गया था तो एक अनुबंध हुआ था, जिसमें इस प्रतिमा को कम से कम 10 साल तक दमोह के संग्रहालय में रखा जाएगा। इधर सामाजिक, धार्मिक संगठन यह मांग कर रहे हैं कि प्रतिमा को वापस मठ में भेजा जाए। बीते दिनों से लगातार इस मांग को लेकर अलग-अलग सामाजिक संगठन ज्ञापन दे रहे। इसी क्रम में आज विश्व हिंदू परिषद और जैन समाज के लोगों ने मिलकर ज्ञापन कलेक्टर को दिया है।
प्रतिमा वापस लाने के प्रयासों में शामिल अंजू खत्री ने बताया कि समाज के ही कुछ लोग जैन समाज को हिंदू समाज से अलग-थलग बताकर यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि जैन समाज प्रतिमा को मठ में स्थापित कराने के लिए विरोध कर रही है। ऐसा नहीं है इसलिए उन तत्वों को सीख देने के लिए आज सकल जैन समाज के प्रमुख लोग भी इस मांग में शामिल है और संयुक्त रूप से ज्ञापन दिया गया है।
खत्री ने बताया कि कलेक्टर ने ज्ञापन लिया है। कई बार पहले भी ज्ञापन हो चुके हैं, उन्हें भरोसा है कि दमोह के मन मस्तिष्क में बैठी इस मांग को प्रशासन जरूर पूरा करेगा।
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