Sagar News : एक युवक के खिलाफ छतरपुर कलेक्टर द्वारा जिलाबदर की कार्रवाई करने के आदेश की सुनवाई न करने और कलेक्टर के आदेश को खारिज न करने पर हाईकोर्ट ने सागर कमिश्नर मुकेश शुक्ला को अवमानना का नोटिस देने के आदेश दिए हैं। याचिका कर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व अंजनी कुमार ने की। छतरपुर जिला निवासी कल्लू लोधी के विरुद्ध कलेक्टर छतरपुर ने 4 जुलाई 2022 को आदेश पारित कर जिलाबदर की कार्रवाई की थी, जबकि पूर्व में भी छतरपुर कलेक्टर ने दिनांक 21 नवम्बर 2018 को भी ठीक उन्हीं आपराधिक धाराओं में जिलाबदर की कार्रवाई की जा चुकी थी।
इन समस्त तथ्यों को उल्लेखित करके कमिश्नर सागर के समक्ष अपील की गई थी जिसे कमिश्नर ने कलेक्टर द्वारा की गई अवैधानिक कार्रवाई को स्थगित नहीं किया और न ही अपील की समुचित सुनवाई की। इसलिए याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में छतरपुर कलेक्टर के पारित आदेश को संविधान के अनुच्छेद 20 के प्रावधानों के विपरीत बताया व पुलिस अधीक्षक छतरपुर, संबंधित पुलिस थाना पिपट के थाना प्रभारी ने अपने आला अधिकारियों को गुमराह कर याचिकाकर्ता के विरुद्ध लिखित में गलत जानकारी देकर तथ्यों को छिपाकर प्रतिवेदन दिया। त्वरित सुनवाई का आवेदन भी हुआ था दाखिल इन समस्त तथ्यों को लेकर कल्लू लोधी ने याचिका दायर की थी। इसकी प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस एसए धर्मधिकारी की खंडपीठ ने समस्त तथ्यों को कंसीडर करने व आदेश दिनांक 22 दिसम्बर 22 से 15 दिवस के अंदर बोलता हुआ आदेश जारी करने के निर्देश दिए थे। आदेश को कमिश्नर सागर की न्यायलय में दिनांक 26 दिसम्बर 2022 को हाइर्कोर्ट के आदेश से अवगत करा दिया गया था व कमिश्नर के समक्ष त्वरित सुनवाई का आवेदन भी दाखिल किया था, लेकिन कमिश्नर ने हाईकोर्ट के आदेश को कोई तर्जी नहीं दी।
इसलिए याचिका कर्ता ने सागर कमिश्नर के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की। उक्त याचिका की सुनवाई 7 फरवरी को जस्टिस एमएस भट्टी की अदालत में की गई। न्यायालय ने पाया की कमिश्नर को स्पष्ट निर्देश के बाबजूद भी अपील निराकृत नहीं की गई है। इसलिए न्यायलय द्वारा व्यक्तिगत रूप से मुकेश कुमार शुक्ला कमिश्नर सागर को अवमानना कार्रवाई पंजीवद्ध करके कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
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