Diamond Auction: पन्ना। नईदुनिया प्रतिनिधि। विश्व प्रसिद्ध पन्ना जिले की उथली हीरा खदानों से प्राप्त होने वाले हीरों की नीलामी कराई जाती है। इस वर्ष भी 21 फरवरी से संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन पन्ना में हीरों की नीलामी कराई जानी है। इस नीलामी में 367.03 कैरेट वजन के 217 नग हीरे रखे जाएंगे। इन हीरों की अनुमानित कीमत 3 करोड़ 96 लाख 14 हजार 297 रुपए है।
हीरा खरीदने के लिए नियमों का करना होगा पालन
नीलामी में भाग लेने वाले व्यापारियों को नीलामी के पूर्व 5 हजार रुपए नकद जमा कराने होंगे। उच्चतम बोली लगाने वाले व्यक्ति के पक्ष में अंतिम निर्णय होने के बाद नीलामी मूल्य की 20% राशि एकमुश्त अविलंब हीरा कार्यालय में जमा करनी होगी। नहीं तो बोली निरस्त समझी जाएगी।
शेष राशि नीलामी समाप्त होने के 30 दिवस की समय अवधि में जमा करा कर हीरा प्राप्त किया जा सकेगा। निर्धारित समयावधि में शेष राशि जमा न करने पर 20% नीलामी मूल्य एवं अमानत राशि शासन के पक्ष में शाम 7:00 बजे की जाएगी।
11. 88 कैरेट के बड़े हीरे अलावा 15 उज्जवल किस्म के अन्य हीरे भी रहेंगे आकर्षण का केंद्र
हीरा अधिकारी पन्ना रवि पटेल ने बताया कि हीरों की नीलामी 21 फरवरी से शुरू होकर कुल हीरों की नीलामी पूर्ण होने तक चालू रहेगी।पटेल ने बताया कि सुबह 9:00 बजे से 11:00 बजे तक हीरो का निरीक्षण किया जाएगा, तत्पश्चात उनकी बोली की जाएगी।
नीलामी में उज्जवल, मैले व औद्योगिक किस्म के 217 नग हीरे रखे जाएंगे जिनकी अनुमानित कीमत 3 करोड़ 96 लाख 14 हजार 297 रुपये है। हीरा अधिकारी ने बताया कि हीरों की इस नीलामी में सबसे बड़ा उज्जवल किस्म का कीमती हीरा भी रखा जा रहा है, जिसका वजन 11. 88 कैरेट है। इसके अलावा 15 हीरे जो उज्जवल किस्म के हैं नीलामी में आए व्यापारियों के आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
पन्ना में हीरा उत्पादन के प्राथमिक स्रोत दक्षिण-पश्चिम में 20 किलोमीटर की दूरी पर है
पन्ना जिले में हीरा धारित पट्टी का विस्तार लगभग 70 किलोमीटर क्षेत्र में है, जो मझगवां से लेकर पहाड़ीखेरा तक फैली हुई है। हीरे के प्राथमिक स्रोतों में मझगवां किंबरलाइट पाइप एवं हिनौता किंबरलाइट पाइप पन्ना जिले में ही स्थित है।
यह हीरा उत्पादन का प्राथमिक स्रोत है जो पन्ना शहर के दक्षिण-पश्चिम में 20 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां अत्याधुनिक संयंत्र के माध्यम से हीरों के उत्खनन का कार्य सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) द्वारा संचालित किया जाता रहा है।
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