उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि युवाओं को देश को आगे ले जाने के लिए आखिरी सांस तक काम करने वाले महापुरुषों का अनुसरण करना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को अत्याधुनिक तकनीक और उद्योगों की मांग के अनुरूप कुशल बनाने पर जोर दिया जाए। उन्होंने उक्त उद्गार बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के सत्ताइसवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
बुविवि के गांधी सभागार में आयोजित दीक्षांत समारोह में रानी लक्ष्मीबाई के शौर्य को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि मेडल प्राप्त करना गौरव की बात। मेडल मिले न मिले जीवन को आदर्श बनाने का लक्ष्य होना चाहिए। हम सभी को एक आदर्श भारतीय बनकर जीवन को चमकाना है। उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों का आह्वान किया कि वे दीक्षांत समारोह का जिक्र दूसरों से भी करें। आंगनवाड़ी और झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों के विकास पर भी उन्होंने बल दिया।
साथ ही 70577 विद्यार्थियों को उपाधियां दी गईं
बच्चों के गर्भ के समय ही माताओं को सही संस्कार देने के लिए उचित पाठ्यक्रम विकसित करने का काम किया जाए। उच्च शिक्षा संस्थानों में सभी बच्चियों को यह पाठ्यक्रम पढ़ाया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य कुंडली ऐप का जिक्र कर बधाई दी। उन्होंने बुंदेलखंड की कला प्रदर्शनी की भी सराहना की। उन्होंने मिलेट की टोकरी अतिथियों को दिए जाने की भी सराहना की। उन्होंने देश के सामने रखे विषयों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। आंगनवाड़ी की कार्यकर्ताओं को मिलेट को आहार में शामिल करने पर बल दिया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को पीएम के मन की बात को कार्यक्रम को लगातार सुनाने पर बल दिया। मध्य प्रदेश की एक महिला का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे वे मिलेट की विविध किस्मों को प्रचारित कर रही हैं।
डिफेंस कारिडोर में संभावित उद्योगों में बनने वाले उपकरणों को देखते हुए विद्यार्थियों को समुचित प्रशिक्षण दिए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से विद्यार्थियों के कौशल को बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने पुणे के एक संस्थान का उदाहरण देकर समझाया कि कैसे क्षेत्र की कला और संस्कृति का विस्तार कर सकते हैं।
असम में बाल विवाह के प्रचलन के चलते बाल मृत्यु दर अधिक होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर रोक लगना चाहिए। हमें अपने बेटे या बेटियों को जागरूक करना चाहिए। दहेज बंद करने के लिए भी अभियान चलाया जाना चाहिए। आंगनवाड़ी केन्द्रों को विश्वविद्यालयों के माध्यम से जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाने का भी जिक्र किया। खेल खेल में बच्चों को शिक्षा मिलती है।
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि दयनीय स्थिति में पड़ी उच्च शिक्षा व्यवस्था को कुलाधिपति के मार्गर्दर्शन में नया आयाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रभावशाली व्यक्ति वही बनता है जिसकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होता है। उपाध्याय ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम् हमारा आदर्श है। जड़ से भी हमने सीखा है। चेतन से तो सीखते ही हैं। उन्होंने कहा कि लोकल समस्याओं से जुड़िए। शिक्षक, विद्यार्थी समाज की समस्याओं से जुड़ें। आप सभी जरूरी शोध कर समस्याओं का निराकरण करें। आप केवल डिग्रीधारक नहीं समाज के विकास में योगदान देने वाला बनिए।
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