मानव सेवा के लिए अपना देह दान करने वाले वरिष्ठ साहित्यकार हरिविष्णु अवस्थी का गुरुवार रात सम्मान किया गया। स्वर्गीय कस्तूरी देवी चैरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने उनके घर पहुंचकर सम्मानित किया। इस मौके पर शहर के साहित्यकार और समाजसेवी मौजूद रहे।
समाजसेवी कौशल किशोर भट्ट ने बताया कि 90 वर्ष की आयु पूरी कर चुके जिले के वरिष्ठ साहित्यकार हरिविष्णु अवस्थी को "दादा मगनलाल गोइल स्मृति मानव सेवा सम्मान" से सम्मानित किया गया है। उन्होंने मेडिकल काॅलेज दतिया को मरणोपरांत अपनी देहदान की घोषणा कर अनुकरणीय कार्य किया है। इस पवित्र भावना की सराहना करते हुए कस्तूरी देवी गोइल स्मृति चैरिटेबिल ट्रस्ट, टीकमगढ़ ने श्री अवस्थी को दादा मगनलाल गोइल स्मृति मानव सेवा सम्मान-2023 से सम्मानित किया है।
इस मौके पर अशोक गोइल ने कहा कि देहदान करना मामूली बात नहीं है। लाखों-करोड़ों में एक आदमी ही इस प्रकार के साहसी निर्णय ले पाते है। अधिवक्ता केके भट्ट ने साहित्यकार हरिविष्णु अवस्थी की तुलना महर्षि दधीचि से की। कार्यक्रम में उपस्थित समाजसेवी शीलचन्द्र जैन ने श्री अवस्थी को बुंदेलखंड के श्रेष्ठ कवि होने के साथ-साथ एक श्रेष्ठ समाजसेवी कहा। रामगोपाल रैकवार ने बताया कि श्री अवस्थी को टीकमगढ़ के इतिहास की बहुत अच्छी जानकारी है। 90 साल की आयु पूरी करने पर भी उनकी याददाश्त अभी भी बहुत तेज है।
साहित्यकार अवस्थी चलता फिरता पुस्तकालय
कवि और साहित्यकार राजीव नामदेव ने कहा कि श्री अवस्थी एक चलता फिरता पुस्तकालय हैं। उनके निजी पुस्तकालय में अनेक दुर्लभ प्राचीन पुस्तकें हैं। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे सभी की खुले दिल से मदद करते है।
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