सिर्फ नगर निगम ही नहीं, नगर पालिकाओं में भी बागियों ने राजनीतिक दलों के समीकरण बिगाड़ दिए हैं। प्रदेश की 99 में से 76 नगरपालिकाओं में चुनाव हो रहे हैं। निर्वाचित पार्षद ही नगरपालिका अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। इसलिए टिकट वितरण से लेकर बागियों को मनाने का जिम्मा वरिष्ठ नेताओं को दिया गया है।
शिवपुरी- नरोत्तम और सिसौदिया पर भारी पड़ीं यशोधरा राजे भाजपा से टिकट वितरण में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की एकतरफा चली। उन्होंने महेंद्र सिंह सिसौदिया और नरोत्तम मिश्रा की लिस्ट को खारिज करवा दिया उनके समर्थक भानु दुबे की पत्नी नीतू अध्यक्ष की प्रबल दावेदार हैं। नरेंद्र बिरथरे गुट से रामजी व्यास की पत्नी सरोज दावेदार हैं। 10 वार्डों में भाजपा के बागी मैदान में हैं। इन्हीं बागियों से कांग्रेस को उम्मीद है।
रायसेन- प्रभुराम की पसंद से सारे टिकट लेकिन बागी निर्दलीय मैदान में भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की पसंद से टिकट दिए हैं। कहा जा रहा है, वार्ड 9 से जीतने वाली महिला ही अध्यक्ष बनेगी। यहां चौधरी ने नीति पंड्या को टिकट दिलवाया। इससे नाराज उनके समर्थक अनिल चौरसिया ने अपनी बहू श्रद्धा को निर्दलीय उतार दिया। इसी वार्ड से योगिता परमार टिकट न मिलने से नाराज हैं।
डबरा- नरोत्तम और इमरती देवी के बीच टिकटों का बंटवारा यहां गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और सिंधिया खेमे से पूर्व मंत्री इमरती देवी ने अपने समर्थकों के लिए पूरा जोर लगाया। जीत मिश्रा की हुई। उनके 22 समर्थकों को टिकट मिले, जबकि इमरती देवी को 8 पर संतोष करना पड़ा। हालांकि इसके बाद भी 4 वार्डों में भाजपा के बागी मैदान में डटे हैं। 30 पार्षद चुने जाएंगे और अध्यक्ष की कुर्सी एससी के लिए है।
गुना- दो बड़े नेता नाराज, भितरघात का डर दो बड़े नेताओं राधेश्याम पारीक और राजेंद्र सलूजा की पत्नियों को भाजपा ने टिकट दिया था, दोनों ने नाम वापस ले लिया। सलूजा कह चुके हैं कि टिकट वितरण ठीक से नहीं हुआ। अमित सोनी कांग्रेस में चले गए। भाजपा के 41 बागी मैदान में हैं।
विदिशा- यहां अध्यक्ष के दावेदारों की भीड़ वार्ड 28 में भाजपा से बागी होकर निर्दलीय लड़ रहीं प्रतिभा आचार्य ने अध्यक्ष की प्रबल दावेदार प्रीति शर्मा को चिंता में डाल रखा है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के साले की पत्नी गीता डोंगर के अलावा मंजरी जैन और सपना जैन भी अध्यक्ष की दौड़ में हैं।
साभार- भास्कर
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