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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीरांगना रानी दुर्गावती की समाधि स्थल पर अर्पित किये श्रद्धा-सुमन

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज जबलपुर में वीरांगना रानी दुर्गावती के 458वें बलिदान दिवस पर उनके समाधि स्थल पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किये। मुख्यमंत्री ने रानी दुर्गावती और उनके पुत्र वीर नारायण की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके शौर्य और पराक्रम को नमन किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पत्रकारों से संवाद के दौरान कहा कि रानी दुर्गावती ने अकबर की आधीनता स्वीकार नहीं की। वे पूरी वीरता से लड़ी और बलिदान हो गई। रानी, नारी सशक्तिकरण का अद्वितीय उदाहरण है। नारी स्वाभिमान का प्रतीक है। वे कुशल शासक थी, उन्होंने गुलामी कभी स्वीकार नहीं की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रानी दुर्गावती से हमें स्वाभिमान से जीने की प्रेरणा मिलती है। जनता की सेवा और अनेक विकास कार्य किये। रानी दुर्गावती ने जल-प्रबंधन में अद्वितीय कार्य कर जबलपुर में 52 तालाब और 64 तलैया का निर्माण करवाया। रानी की दूरदृष्टि से जल-प्रबंधन में अद्भुत कार्य हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रानी दुर्गावती के बाद जल-प्रबंधन पर सर्वाधिक ध्यान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिया है। आजादी के अमृत महोत्सव में हर जिले में 75 अमृत सरोवर का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जन-नायकों के सम्मान के लिये राज्य शासन के प्रयास, विकास की दौड़ में पीछे रह गये युवाओं को सुशासन, रोजगार और विकास से आगे बढ़ाकर सबको बराबरी में लाने की कोशिश, सामुदायिक वन प्रबंधन और ग्राम सभाओं द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण एवं बिक्री की जवाबदारी देने के निर्णय के बारे में बताया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रानी दुर्गावती के समाधि स्थल के समीप आज प्रारंभ हुए त्रिवेणी महिला आजीविका संकुल समूह के संस्कारधानी दीदी कैफे में स्वल्पाहार किया। मुख्यमंत्री ने दीदी कैफे को महिला सशक्तिकरण की दिशा में कारगर कदम बताया।

मुख्यमंत्री ने समाधि स्थल पर किया पौध-रोपण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीरांगना रानी दुर्गावती के समाधि स्थल पर बरगद का पौधा रोपा और वृक्षा-रोपण को पर्यावरण-संरक्षण के लिये आवश्यक बताया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समाधि स्थल पर स्थित बड़ादेव की पूजा-अर्जना की और रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।


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