चित्रकूट के दुर्दांत दस्यु सरगना अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया ने 15 साल पहले एसटीएफ के 6 जवानों और एक मुखबिर की घात लगाकर सामूहिक हत्या कर दी थी। साथ ही 9 एसटीएफ जवानों तथा एक मुखबिर को गोली मारकर घायल कर दिया था। यह मामला बांदा के एक न्यायालय पिछले 15 वर्षों से चल रहा था। फैसले की अब घड़ी आ गई है। गुरुवार को इस मुकदमे का फैसला सुनाया जाएगा। इस सामूहिक हत्याकांड में 16 डकैतों को नामजद किया गया था, इनमें से तीन की मौत हो चुकी है।
21जुलाई 2007 को एसटीएफ ने डाकू ददुआ को मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके बाद अगले दिन एसटीएफ जवानों की टुकड़ी वापस जा रही थी। तभी बांदा जनपद के फतेहगंज थाना क्षेत्र के बघोलन तिराहे के पास डाकू अंबिका पटेल ने अपने साथियों के साथ 22 जुलाई 2007 की रात घात लगाकर एसटीएफ की टीम पर हमला कर दिया। डकैतों की फायरिंग में गोली लगने से एसटीएफ के 6 जवान और और एक मुखबिर की मौत हो गई थी। इस घटना में 9 एसटीएफ के जवान तथा एक मुखबिर घायल हुआ था। यह मामला पिछले 15 वर्षों से बांदा की अदालत में चल रहा है। इस मुकदमे का तेजी से निस्तारण करने के लिए हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देश भी जारी किए गए थे।
मुकदमे का जल्द से जल्द निस्तारण हो इसके लिए न्यायालय द्वारा कई दिनों तक प्रतिदिन सुनवाई की गई। अब इस मुकदमे का फैसला 30 जून को न्यायालय द्वारा निर्धारित किया गया है बताते चलें कि इस हत्याकांड में 16 डकैतों को पुलिस ने नामजद किया था। इनमें अब तक तीन आरोपियों की मौत हो चुकी है। 12 आरोपी चित्रकूट और एक हमीरपुर की जेल में बंद है। मुठभेड के दौरान शहीद होनेवाले एसटीएफ जवानों में ड्राइवर ईश्वर देव सिंह, उमाशंकर, लक्ष्मण प्रसाद शर्मा, राजेश सिंह चौहान, बृजेश यादव व गिरीशचंद्र नागर शामिल हैं। साथ ही मुखबिर राजकरन की भी हत्या की गई थी। गोलीबारी में एसटीएफ जवानों में शिवकुमार अवस्थी, डीके यादव, शरद, योगेश, श्रीचन्द्र यादव, बृजेश तिवारी, राममिलन सिंह, उपेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह के अलावा मुखबिर श्रीपाल घायल हुए थे।
साभार- बुंदेलखंड न्यूज़
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