उत्तर प्रदेश में दो दिन से हो रही बारिश की वजह से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यवस्त हो गया है। तेज हवा के साथ कभी रुक कर तो कभी तेज बारिश होने के चलते कई शहरों के इलाके जलमग्न हो गये। आंधी और बारिश की वजह से पिछले चौबीस घंटों के भीतर 40 से लोगों की जान चली गयी है।
कई जगह मकान और पेड़ गिर गए, जिससे आवागमन बधित है। बिजली के खंभे गिरने से कई शहरों के इलाकों की बिजली गुल है। वहीं, रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से साबरमती ट्रेन हादसे का शिकार होते-होते बची। मौसम विभाग का अनुमान है कि राज्य में हवा संग बारिश का यह सिलसिला अलग-अलग शहरों के इलाकों में 19 सितम्बर तक जारी रहने की संभावना है।
इन जिलों में हुई सबसे ज्यादा मौतें
उत्तर प्रदेश में बुधवार रात से शुरु हुई बारिश गुरुवार को भी थमने का नाम नहीं ले रही है। तेज बारिश और आंधी के चलते प्रयागराज, बाराबंकी, प्रतापगढ़, फतेहपुर पांच-पांच लोगों की मौतें हुई है।
इसके अलावा जौनपुर में चार, लखनऊ व कौशाम्बी में तीन-तीन,सुल्तानपुर, अमेठी अयोध्या में दो-दो, चित्रकूट, बांदा, उन्नाव, चंदौली व सीतापुर में एक-एक लोगों की जान चली गयी है। इसके अलावा गोवंशों की जानें गई है।
प्रदेश का आधे जिले जलमग्न, बिजली गुल
प्रदेश में जिस तरह से बारिश हुई है उससे कई वर्ष पूर्व के रिकार्ड टूट गए है। बारिश के चलते प्रदेश की राजधानी लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और कई ऐसे जिले है जो जलमग्न हो गये हैं। सड़कों पर पानी ही पानी दिख रहा है।
बारिश फाइल फोटो (rain file photo)
नाली के रास्ते से लोगों के घरों में पानी जा रहा है, जिससे उन्हें काफी दिक्कतें हो रही है। जनपद भदोही, गाजीपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़ और मऊ के कई इलाकों में बिजली के तार टूट जाने से 270 से अधिक गांवों की आपूर्ति बाधित है।
हादसे से बची ट्रेन, नेशनल हाईवे पर जाम
इटावा में बारिश के दौरान हावड़ा-दिल्ली रेलमार्ग पर पेड़ गिरने से ओएचई लाइन टूट गई, जिससे इटावा जंक्शन समेत आसपास के स्टेशनों पर कई प्रमुख ट्रेनें खड़ीं हो गईं। रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से साबरमती ट्रेन हादसे का शिकार होते-होते बची।
मानकनगर में ट्रैक पर पानी भरने से कानपुर से आने-जाने वाली ट्रेनें उत्तर रेलवे के ट्रैक से गईं। पेड़ टूटने से लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे पर डेढ़ घंटे से अधिक जाम लगा रहा।
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